भारत की कोशिशों पर नखरे दिखाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फरवरी में भारत यात्रा की स्थिति बन रही है। ट्रंप इससे पहले भारत आने से कतराते रहे। इसे उनकी कूटनीति से भी जोड़कर देखा जाता रहा। भारत ने पहली बार जून 2017 में राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का न्यौता दिया था। हाऊडी मोदी कार्यक्रम के दौरान ह्यूस्टन में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री के साथ अच्छा खासा समय दिया था। तब प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत आने का न्यौता दिया था। भारत गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ट्रंप को मेहमान भी बनाना चाहता था, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति ने नखरे दिखाए और वह अब भारत आने के लिए तैयार दिखाई पड़ रहे हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा से वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच में विश्वसनीय रिश्तों के शुरुआत की नींव पड़ी थी। तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनोमहन सिंह के समय में अमेरिका के दोनों राष्ट्रपति जार्ज वॉकर बुश और बराक हुसैन ओबामा भारत आए थे। ओबामा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में भी भारत आए थे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। राष्ट्रपति ट्रंप दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले अभी अमेरिका की घरेलू राजनीति में उन्हें अपने खिलाफ लाए गए महाभियोग का भी सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति अमेरिका में लगातार राष्ट्रवाद की थीम को आगे बढ़ा रहे हैं। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के मतदाता रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका में काफी लोकप्रिय हैं। इस तरह से अमेरिका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा को इस नजरिए से भी देखा जा रहा है।