कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के मद्देनजर देश में संपूर्ण लॉकडाउन के सरकार के फैसले का पालन करते हुए सभी मुस्लिम संप्रदायों ने मस्जिदों में होने वाली जुमे की नमाज स्थगित कर दी है। हालांकि मस्जिदों से अजान जारी रहेगी। जमात ए इस्लामी शरिया काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा, जुमे की नमाज सिर्फ इमाम, मुअज्जिन, खादिम और मस्जिद के प्रशासक को अदा करनी चाहिए। नमाज व खुतबा को कम से कम समय में पूरा कर लिया जाना चाहिए और बाकी लोगों को घर से जोहर की नमाज अदा करनी चाहिए।
शिया संप्रदाय ने भी देशभर में जुमे की नमाज स्थगित कर दी है और सरकार के निर्देशों के मुताबिक लोगों से घरों में रहने के लिए कहा है। मुंबई के मौलाना अशरफ इमाम ने कहा, 'हमने पिछले हफ्ते से ही मस्जिदों में जुमे की नमाज और रोज की नमाज स्थगित कर दी है। जब तक सरकार चाहेगी यह स्थगन जारी रहेगा। हर व्यक्ति का पहला मकसद अपनी जिंदगी बचाना और सरकार के निर्देशों का पालन करना होना चाहिए। मस्जिदों के लाउडस्पीकरों और सोशल मीडिया के जरिये हम लोगों से घर में ही रहने की अपील कर रहे हैं।'
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के अनुरोध पर एक उच्च वैश्विक इस्लामी संस्था ने फतवा जारी कर देश के प्रमुखों को जमात के साथ जुमे की नमाज पर रोक लगाने का आदेश देने की शक्ति प्रदान की है। कोरोनो वायरस के प्रकोप के मद्देनजर मिस्त्र की सर्वोच्च परिषद और इस्लामिक मामलों के संबंध में आदेश देने वाली संस्था जामिया अल अजहर के मुख्य इमाम शेख की ओर से बुधवार को यह फतवा जारी किया गया। बाद में अल्वी ने ट्वीट कर कहा, 'संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ईरान, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, जॉर्डन, कुवैत, फलस्तीन, तुर्की, सीरिया, लेबनान और मिस्त्र जैसे देशों ने जमात के साथ नमाज रोक दी है।'