मप्र में विधायकों को साधने में जुटी भाजपा-कांग्रेस


मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव की मतगणना से ठीक तीन दिन पहले शुक्रवार को भोपाल में सियासी हलचल तेज हो गई। भाजपा-कांग्रेस ने परिणाम आने से पहले ही संभावित समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है। भाजपा ने कमजोर कड़ियों पर फोकस कर उनसे मेल-मुलाकात बढ़ा दी है तो कांग्रेस की ओर से कमल नाथ अपने विधायकों सहित सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों से बातचीत कर रहे हैं।


विधायकों को साधने की रणनीति के तहत नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री व भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह ने बसपा के विधायक संजीव कुशवाह, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। त्रिपाठी कांग्रेस के एक बिल का समर्थन कर चुके हैं। बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद सभी ने इसे सामान्य बताया, लेकिन ये स्पष्ट हो गया कि अप्रत्याशित परिणाम आने की स्थिति से पहले जोड़-तोड़ का खेल शुरू हो गया है। मुलाकात के बाद बसपा के विधायक संजीव कुशवाह ने कहा कि हम भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं। यह आगे भी जारी रहेगा, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख मायावती करेंगी। उधर, त्रिपाठी भी भाजपा के साथ रहने की बात दोहरा चुके हैं।


कांग्रेस ने 11 नवंबर को बुलाई विधायक दल की बैठक, विधायकों से सीधे संपर्क में कमल नाथ भाजपा को बहुमत नहीं मिलने की उम्मीद लगाकर कांग्रेस ने सौदेबाजी और जोड़-तोड़ की प्रारंभिक सूचनाओं पर अपने घर को सुरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ विधायकों के सीधे संपर्क में हैं और अन्य कांग्रेस नेता भाजपा, निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायकों से संपर्क बनाए हुए हैं। पार्टी ने 11 नवंबर शाम छह बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।